इस पोस्ट में क्या-क्या है?
यदि आप बैंक में जाते रहते हैं, तो आपने कभी न कभी “इंटरेस्ट” (Rate Of Interest Meaning In Hindi) नाम का शब्द जरूर सुना होगा। आज का हमारा यह आर्टिकल इसी शब्द पर आधारित है, जिसमें हम इसके मतलब को विस्तार से समझेंगे।
बैंक में इंटरेस्ट का मतलब? | Bank Interest Meaning In Hindi
जब हम बैंक में सेविंग अकाउंट, फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) या रिकरिंग डिपॉजिट (RD) खुलवाते हैं, तो हमें उसमें पैसे जमा करने होते हैं। बैंक इस जमा रकम पर हमें कुछ अतिरिक्त पैसे देता है, जिसे “ब्याज” (Interest) कहते हैं।
- ब्याज सालाना दिया जाता है, लेकिन अगर आप चाहें तो इसे मासिक, तिमाही या छमाही भी ले सकते हैं।
- बैंक आपके पैसे को इन्वेस्ट करता है और उसके बदले आपको ब्याज देता है।
बैंक में इंटरेस्ट का उदाहरण | Interest Kya Hota Hai
मान लीजिए, राज ने पंजाब नेशनल बैंक में ₹20,000 की फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) 1 साल के लिए 6% सालाना ब्याज दर पर खोली।
गणना:
- मूल राशि या मूलधन (Principal) = ₹20,000
- ब्याज दर (Interest Rate) = 6% प्रति वर्ष
- समय (Time) = 1 वर्ष
ब्याज = (मूलधन × ब्याज की दर × समय) / 100
= (20,000 × 6 × 1) / 100
= ₹1,200
इस तरह, 1 साल बाद राज को कुल ₹21,200 मिलेंगे (₹20,000 मूलधन + ₹1,200 ब्याज)।
बैंक में इंटरेस्ट रेट का मतलब? | Rate Of Interest Meaning In Hindi
ऊपर दिए गए उदाहरण में आपने देखा कि ब्याज दर 6% थी। यहाँ एक महत्वपूर्ण बात समझने की है – ब्याज एक निश्चित राशि होती है, जबकि ब्याज दर वह प्रतिशत (%) होता है जिसके आधार पर यह राशि तय की जाती है।
सरल शब्दों में:
- ब्याज = बैंक द्वारा दिया जाने वाला अतिरिक्त पैसा (जैसे ₹1,200)
- ब्याज दर = वह प्रतिशत जिसके अनुसार ब्याज की गणना होती है (जैसे 6%)
इस तरह, ब्याज दर एक मापक है जो बताता है कि आपकी जमा राशि पर कितना ब्याज मिलेगा।
निष्कर्ष | Byaj Meaning In Hindi
बैंकिंग में ब्याज और ब्याज दर दोनों का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। ये दोनों एक-दूसरे से गहराई से जुड़े हुए हैं। बैंक हमारी जमा राशि पर पहले एक निश्चित ब्याज दर तय करता है, और फिर उसी दर के आधार पर हमें ब्याज की राशि प्राप्त होती है।
इसलिए यह कहना गलत नहीं होगा कि बैंक में पैसा जमा करने पर मिलने वाला लाभ पूरी तरह से ब्याज और ब्याज की दर पर निर्भर करता है। बैंक जितनी अधिक ब्याज दर देगा, उतना ही ज्यादा ब्याज हमें अपनी जमा राशि पर प्राप्त होगा।
FAQs (Byaj Kya Hota Hai)
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बैंक में ब्याज कैसे कैलकुलेट करते हैं?
बैंक मे ब्याज कैलकुलेट करने के लिए नीचे दिए गए फॉर्मूले का इस्तेमाल किया जाता है!
ब्याज = (मूल राशि या मूलधन × ब्याज की दर × समय) / 100 -
क्या FD और RD पर ब्याज की दर एक ही होती है?
नहीं, FD की ब्याज दर आमतौर पर RD से ज्यादा होती है क्योंकि FD में पैसा लॉक होता है।
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क्या ब्याज पर टैक्स लगता है?
हा, आपके द्वारा की गई इनवेस्टमेंट पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स लगता है!
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क्या सेविंग अकाउंट में भी ब्याज मिलता है?
हा, सैविंग अकाउंट मे भी ब्याज मिलता है यह हर बैंक द्वारा अलग अलग दिया जाता है!
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हेलो दोस्तों, मेरा नाम जॉनी बाकू है और मैं भारत के हरियाणा राज्य का रहने वाला हूं! मैंने ब्लॉगिंग (Blogging) की दुनिया में अपना पहला कदम वर्ष 2019 में रखा था और तभी से मैं इस क्षेत्र में अपना योगदान देने के लिए प्रयासरत हूं! मुझे आर्टिकल लिखना एवं पढ़ना बहुत पसंद है इसी वजह से मैं अपने आर्टिकल को बेहतर से बेहतर लिखने का प्रयास करता हूं!
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