फिक्स्ड डिपॉजिट क्या है? जानिए इसके फायदे और नुकसान

भविष्य की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए मनुष्य अपने या अपने परिवार के लिए पैसों की बचत जरूर करता है। यह बचत किसी भी रूप में हो सकती है जैसे म्युचुअल फंड, शेयर मार्केट इन्वेस्टमेंट, सेविंग अकाउंट, NPS, और फिक्स डिपाजिट। इन सभी तरीकों में फिक्स्ड डिपॉजिट सबसे ज्यादा पसंद किए जाने वाला इन्वेस्टमेंट प्रोडक्ट है।

आज के इस लेख में हम इसी फिक्स डिपाजिट (FD Kya Hota Hai) के बारे में जानेंगे और इसको गहराई से समझने का प्रयास करेंगे। यदि आप भी इस विषय पर गहराई से अध्ययन करना चाहते हैं तो इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें।

परिचय

1. फिक्स्ड डिपॉजिट क्या है? | FD Kya Hota Hai

फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) बैंक या वित्तीय संस्थानों में किया जाने वाला एक सुरक्षित निवेश है, जहां आप एक निश्चित धन-राशि को निश्चित अवधि के लिए जमा करते हैं और बदले में ब्याज कमाते हैं।

सामान्यतः FD की फुल फॉर्म सभी को पता होती है लेकिन जिनका नहीं पता उनको बता दे की FD का फुल फॉर्म फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit) है।

फिक्स्ड डिपॉजिट की सबसे खास बात यह है कि यह निवेश का सबसे सुरक्षित साधन है और इसमें बेहतर ब्याज दर के साथ लचीली समय अवधि भी मिलती है।

2. भारत में FD की लोकप्रियता

भारत में FD निवेश का सबसे भरोसेमंद तरीका माना जाता है क्योंकि:

  • बैंकों में FD के रूप मे जमा आपकी धनराशि पर DICGC द्वारा ₹5 लाख तक का बीमा कवर दिया जाता है।
  • पोस्ट ऑफिस द्वारा चलायी जाने वाली FD स्कीम सरकार द्वारा समर्थित है, जिससे जोखिम ना के बराबर होता है।
  • सेवानिवृत्त लोगों और कम जोखिम वाले निवेशकों के बीच यह बहुत लोकप्रिय है।
3. FD कोन-कोन खोल सकता है?
  • व्यक्तिगत निवेशक: कोई भी भारतीय नागरिक (एकल या संयुक्त खाता)।
  • सीनियर सिटीजन: 60 वर्ष से अधिक आयु के लोग (इनको अधिक ब्याज दर पैश की जाती है)।
  • नाबालिग: माता-पिता या अभिभावक द्वारा खोला जा सकता है।
  • HUF (हिंदू अविभाजित परिवार): HUF के नाम से FD खोली जा सकती है।
  • NRI: नों रेजिडेंट इंडियन द्वारा फिक्स्ड डिपॉजिट के रूप में NRE और NRO अकाउंट खोले जाते हैं।
  • कंपनी: एक या कई कंपनी मिलकर भी FD खोल सकती है।
  • वव्यसाय: कोई भी सिंगल पंजीकृत व्यवसाय फिक्स्ड डिपॉजिट ओपन कर सकता है।

Fixed Deposit के फायदे | Benefits of Fixed Deposit in Hindi

सुरक्षित निवेश

FD में पैसा सुरक्षित रहता है, शेयर बाजार की तरह उतार-चढ़ाव नहीं होता।

निश्चित रिटर्न

ब्याज दर पहले से तय होती है, जिससे आपको पता होता है कि मैच्योरिटी पर कितना रिटर्न मिलेगा।

निवेश मे लचीलापन

FD की अवधि 7 दिन से 10 साल तक हो सकती हैं। जिसमें आप अपनी पसंद से समय-अवधि का चुनाव कर सकते हैं।

लोन सुविधा

लगभग प्रत्येक बैंक और एनएफसी द्वारा आपके द्वारा जमा एचडी पर लोन की सुविधा उपलब्ध होती है। लोन धनराशि आपकी फिक्स्ड डिपॉजिट धनराशि पर निर्भर करती है। ऋण की राशि FD का 90% तक हो सकती है।

टैक्स बचत

फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश कर कर आप इनकम टैक्स में भी छूट पा सकते हैं।

आसान ओपेनिंग प्रोसैस

आजकल लगभग हर एक बैंक द्वारा फिक्स्ड डिपॉजिट करने की ऑनलाइन सुविधा दी जाती है। जिससे आप घर बैठे ही 8% तक की ब्याज दर का आनंद उठा सकते हैं।

अधिक ब्याज

सेविंग अकाउंट पर मिलने वाले ब्याज की तुलना में आप फ़िक्स्ड डिपॉज़िट से लगभग-लगभग दो गुना ब्याज प्राप्त कर सकते हैं।

एक से अधिक FD अकाउंट

यदि आपके पास पहले से मौजूद एक फ़िक्स्ड डिपॉज़िट अकाउंट है और आप एक नया अकाउंट खोलना चाहते हैं तो आप यह काम आसानी से कर सकते हैं।

Fixed Deposit के नुकसान

  1. इन्फ्लेशन से कम रिटर्न: FD का रिटर्न कभी-कभी महंगाई दर से कम होता है।
  2. प्रीमेच्योर निकासी पर जुर्माना: समय से पहले FD तोड़ने पर ब्याज दर कम हो जाती है।
  3. टैक्सेबल इनकम: FD पर मिला एक सीमित सीमा से अधिक का ब्याज आयकर के दायरे में भी आता है।

फ़िक्स्ड डिपॉज़िट कितने प्रकार की होती है?

1. सामान्य फ़िक्स्ड डिपॉज़िट

यह फिक्स्ड डिपॉजिट का सबसे पॉपुलर प्रकार है जो लगभग भारत के सभी बैंक, पोस्ट ऑफिस, NBFC द्वारा उपलब्ध करवाया जाता है। इसमें एक निश्चित समय अवधि के लिए ग्राहक के पैसे को बैंक द्वारा लिया जाता है और समय पूरा होने के पश्चात ही ग्राहक को पूरा पैसा (ब्याज सहित) वापस किया जाता है।

फिक्स डिपाजिट की समय अवधि कम से कम 7 दिन से लेकर अधिकतम 10 वर्ष तक की हो सकती है। जिस पर आपको ब्याज मासिक/त्रैमासिक/छमाही या वार्षिक रूप में प्राप्त होता है।

2. टैक्स-सेविंग एफ़डी

इस फिक्स्ड डिपॉजिट का मुख्य उद्देश्य ग्राहक को उच्चतम रिटर्न के साथ-साथ टैक्स में भी छूट प्रदान करना है। Tax-सेविंग एफ़डी सामान्य फिक्स्ड डिपॉजिट की तरह ही काम करता है परंतु इसमें 5 साल का लोक-इन पीरियड होता है।

3. सीनियर सिटिज़न एफ़डी

जिन व्यक्तियों की आयु 60 वर्ष से अधिक है वह इस अकाउंट को ओपन कर सकते हैं। इसमें सामान्य फिक्स्ड डिपॉजिट ब्याज दर की अपेक्षा 0.50% अधिक ब्याज दर मिलती है।

4. Flexi फ़िक्स्ड डिपॉज़िट

वर्तमान समय में बैंकिंग क्षेत्र में फ्लेक्सी FD का चलन तेजी से बढ़ रहा है। यह सेवा प्रमुख बैंकों जैसे स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और एचडीएफसी बैंक द्वारा भी प्रदान की जा रही है। इस FD स्कीम की विशेषता यह है कि जब आपके बचत खाते में राशि एक निर्धारित सीमा से अधिक हो जाती है, तो अतिरिक्त राशि स्वचालित रूप से फिक्स्ड डिपॉजिट में परिवर्तित हो जाती है।

उदाहरण के लिए, मान लीजिए एसबीआई बैंक में निर्धारित सीमा ₹25,000 है और आपके बचत खाते में वर्तमान में ₹40,000 जमा हैं। ऐसी स्थिति में:

  • ₹25,000 तक की राशि पर आपको सामान्य बचत खाते की ब्याज दर प्राप्त होगी
  • शेष ₹15,000 की राशि स्वतः FD में परिवर्तित हो जाएगी, जिस पर फिक्स्ड डिपॉजिट की उच्च ब्याज दर लागू होगी

इस प्रणाली का मुख्य लाभ यह है कि ग्राहकों को अपनी अतिरिक्त निधियों पर अधिक रिटर्न प्राप्त होता है, बिना किसी अतिरिक्त प्रयास के। साथ ही, जरूरत पड़ने पर FD के इस हिस्से को तोड़कर धनराशि निकाली भी जा सकती है।

5. ब्याज का FD में समायोजन (Cumulative Fixed Deposit)

इस प्रकार की FD में प्राप्त ब्याज राशि खुद ब खुद आपकी मूल FD में पुनर्निवेश कर दी जाती है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि आपको चक्रवृद्धि ब्याज (कंपाउंड इंटरेस्ट) का फायदा मिलता है, जहाँ ब्याज पर भी ब्याज अर्जित होता है।

ध्यान देने योग्य बात यह है कि इस स्कीम में आपकी सम्पूर्ण राशि (मूलधन सहित ब्याज) केवल FD की अवधि पूरी होने पर ही निकाली जा सकती है।

6. कॉर्पोरेट फ़िक्स्ड डिपॉज़िट

कॉर्पोरेट फिक्स्ड डिपॉजिट्स गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) जैसे बजाज फाइनेंस, एल एंड टी फाइनेंस आदि द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले निवेश विकल्प हैं। इन पर सामान्य बैंक की तुलना मे अधिक ब्याज दर मिलता है।

हालांकि इन कंपनियों में निवेश करते वक्त इस बात का ध्यान रखें की आपके द्वारा जमा धनराशि की सुरक्षा कंपनी की वित्तीय स्थिति पर निर्भर करती है क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा विनियमित होने के बावजूद भी, ये डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) के बीमा कवर के अंतर्गत नहीं आते हैं।

फ़िक्स्ड डिपॉज़िट पर ब्याज

1. ब्याज दर के प्रकार

फ़िक्स्ड डिपॉज़िट पर मिलने वाले ब्याज की दो तरीको से गणना की जाती है।

साधारण ब्याज: इसमे केवल मूलधन पर ब्याज मिलता है।

  • उदाहरण: ₹1 लाख, 5 साल, 7% = ₹35,000 ब्याज।

चक्रवृद्धि ब्याज: मूलधन + ब्याज पर ब्याज मिलता है।

  • उदाहरण: ₹1 लाख, 5 साल, 7% (त्रैमासिक कंपाउंडिंग) ≈ ₹1,41,480/-
2. कंपाउंडिंग
  • ब्याज की गणना मासिक, त्रैमासिक, या वार्षिक हो सकती है।
  • त्रैमासिक कंपाउंडिंग सबसे फायदेमंद होती है।
3. भारत के प्रसिद्ध बैंकों की FD ब्याज दर (2025)
बैंक1 साल (%)3 साल (%)5 साल (%)
SBI6.806.756.50
HDFC Bank6.007.007.00
ICICI Bank6.007.007.00
PNB6.806.756.25
Post Office6.907.107.50

फ़िक्स्ड डिपॉज़िट कैसे खोले?

1. ऑफलाइन तरीका
  • बैंक शाखा में जाकर FD फॉर्म प्राप्त करें।
  • उसके बाद इस फॉर्म को ध्यान पूर्वक भरें।
  • आवेदन फार्म के साथ आवश्यक दस्तावेज जैसे आपका आधार कार्ड और पैन कार्ड संलग्न करें।
  • इसके बाद बैंक कर्मचारी से अपना फिक्स्ड डिपॉजिट अकाउंट खोलने के लिए कहें।
2. ऑनलाइन तरीका
  • आप जिस भी बैंक या एनबीएफसी में अकाउंट खोलना चाहते हैं उसकी ऑफिशल वेबसाइट पर जाएं।
  • वेबसाइट पर जाने के बाद “Open FD” के विकल्प को ढूंढे। और उस पर क्लिक करें।
  • इसके बाद अपना नाम, पता, व मोबाइल नंबर भरे।
  • इसके बाद FD अमाउंट और टेन्योर सेलेक्ट करें।
  • UPI, डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड द्वारा FD अमाउंट का भुगतान करें।
3. FD खोलने के लिए आवश्यक दस्तावेज़
  • आधार कार्ड
  • पैन कार्ड
  • वोटर कार्ड
  • पासपोर्ट साइज फोटो।

समापन

FD एक सुरक्षित और आसान निवेश विकल्प है, लेकिन इसमें रिटर्न सीमित होता है। यदि आप जोखिम ले सकते हैं, तो म्यूचुअल फंड या स्टॉक मार्केट भी देख सकते हैं।

FD Kya Hai FAQs

  1. क्या Fixed Deposit में भी पैसा डूब सकता है?

    DICGC की वैबसाइट के अनुसार आपके द्वारा जमा राशि का ₹5 लाख तक सुरक्षित है।

  2. FD पर ब्याज कैसे मिलता है?

    फ़िक्स्ड डिपॉज़िट पर जमकर्ता को मासिक/त्रैमासिक/वार्षिक या मैच्योरिटी पर एकमुश्त ब्याज मिलता है।

  3. क्या FD को नॉमिनी जोड़ सकते हैं?

    फिक्स्ड डिपॉजिट खोलते वक्त आपको नॉमिनी को ऐड करने का विकल्प भी दिया जाता है।

  4. क्या FD को ऑनलाइन बंद किया जा सकता है?

    हाँ, फ़िक्स्ड डिपॉज़िट को ऑनलाइन नेट बैंकिंग के माध्यम से बंद किया जा सकता है।

  5. फिक्स्ड डिपॉजिट पर ब्याज दर कब बढ़ती है?

    फिक्स डिपॉजिट पर लगने वाली ब्याज की दर निम्न कारणो से बढ़ सकती है।
    • रेपो रेट बढ़ जाने पर फिक्स्ड डिपॉजिट पर लगने वाली ब्याज दर भी बढ़ जाती है।
    • जब कभी भी बैंकों को अधिक के रूपों की आवश्यकता होती है तब वह फिक्स्ड डिपॉजिट पर ब्याज दर बढ़ा देते हैं।
    • यदि आप फिक्स्ड बजट में लंबी अवधि का चयन करते हैं तब भी आपको ब्याज दर अधिक मिलती है।

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बैंक में क्रेडिट क्या है?
Jony Baku
Administrator at  | Finance Expert

हेलो दोस्तों, मेरा नाम जॉनी बाकू है और मैं भारत के हरियाणा राज्य का रहने वाला हूं! मैंने ब्लॉगिंग (Blogging) की दुनिया में अपना पहला कदम वर्ष 2019 में रखा था और तभी से मैं इस क्षेत्र में अपना योगदान देने के लिए प्रयासरत हूं! मुझे आर्टिकल लिखना एवं पढ़ना बहुत पसंद है इसी वजह से मैं अपने आर्टिकल को बेहतर से बेहतर लिखने का प्रयास करता हूं!