जन धन खाता कैसे खोलें? (सबसे सटीक तरीका)
आज भी भारत में लाखों लोग ऐसे हैं जिनके पास बैंक अकाउंट नहीं है। इन्हीं लोगों को वित्तीय सुविधाएँ उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) शुरू की है।
चाहे आप किसी यात्रा, रिटायरमेंट या किसी मुश्किल समय के लिए बचत कर रहे हों, हमारी “बचत खाता” गाइड आपको अपने रिटर्न को अधिकतम करने के लिए ज्ञान और विकल्प प्रदान करती है।
आज भी भारत में लाखों लोग ऐसे हैं जिनके पास बैंक अकाउंट नहीं है। इन्हीं लोगों को वित्तीय सुविधाएँ उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) शुरू की है।
जन धन योजना (PMJDY) के आने के बाद भारत के करोड़ों वंचित और गरीब लोगों का जीवन बदल गया है। इस योजना ने उन लोगों को बैंकिंग सुविधाओं से जोड़ा जो पहले इससे दूर थे।
प्रधानमंत्री जन धन योजना (Pradhan Mantri Jan Dhan Yojana) को भारत सरकार ने 28 अगस्त, 2014 को भारतीय नागरिकों के लिए नए सविंग्स अकाउंट खोलने के उदेशय से शुरू किया था। इस योजना को “मेरा खाता, भाग्य विधाता” नाम का स्लोगन दिया गया। PMJDY का मुख्य उद्देश्य गरीब और वंचित तबके को बैंकिंग सिस्टम से जोड़ना है।
आज के डिजिटल युग में अगर आप नेट बैंकिंग, यूपीआई या किसी भी ऑनलाइन पेमेंट सिस्टम का फायदा उठाना चाहते हैं, तो आपके पास एक सेविंग्स अकाउंट होना बहुत जरूरी है।
आज के डिजिटल युग में लगभग हर किसी के पास एक सेविंग्स अकाउंट होता है। अगर आपके पास अभी तक सेविंग्स अकाउंट नहीं है, तो आप अपने नजदीकी बैंक में जाकर इसे आसानी से खोल सकते हैं।
दोस्तों, जैसा कि आप सबको पता है कि बैंक में किसी भी प्रकार की लेन-देन करने के लिए हमें बैंक में कम से कम एक बेसिक खाता तो खुलवाना ही होता है, तभी हम बैंक की सेवाओं का आनंद उठा सकते हैं!
आपने देखा होगा कि लोग बैंक में आते-जाते रहते हैं और पैसों का लेन-देन भी करते हैं! लेकिन हमें यह बहुत कम पता होता है कि ये लोग किस प्रकार के अकाउंट में अपनी ट्रांजैक्शन कर रहे हैं! वैसे, आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ज्यादातर लोग अपने सेविंग्स अकाउंट या फिर करेंट अकाउंट से ही ट्रांजैक्शन करते हैं!
आपने कई बार देखा होगा कि लोग बैंक में जाकर अपने खाते से पैसों का लेन-देन करते रहते हैं! लेकिन क्या आप जानते हैं कि वे किस तरह के बैंक खाते का इस्तेमाल करते हैं?
बैंक में लोगों द्वारा रोज़ाना कई तरह के लेन-देन किए जाते हैं। इन लेन-देन को सही तरीके से ट्रैक करने के लिए हर ग्राहक का एक अलग बैंक अकाउंट होता है, जिसकी पहचान के लिए एक खास नंबर दिया जाता है, जिसे बैंक अकाउंट नंबर कहते हैं। आज हम आपको इसी नंबर (Bank Account No Kya Hota Hai) के बारे में विस्तार से बताएँगे!
कई सारे दुकानदार, होलसेलर्स, डिस्ट्रीब्यूटर्स और कंपनियाँ बहुत से ग्राहकों को सामान बेचती हैं। इनमें कुछ लेन-देन उधार पर होते हैं, कुछ नकद और कुछ UPI पेमेंट से। इन सभी का हिसाब रखना आसान काम नहीं है। इसलिए, हर व्यक्ति या संस्था अपने सामान, पैसे और अन्य चीजों की आवाजाही को ट्रैक करने के लिए एक खाता बनाती है।